जालोर.
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा(ईसीसीई) विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार संपन्न हुआ। इसमें बाल विकास परियोजना अधिकारी व समस्त महिला पर्यवेक्षक ने भाग लिया गया। कार्यशाला में विभाग के उप निदेशक अशोक कुमार ने बताया की बताया कि प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल में बच्चो की देखभाल की बहुत ही ज्यादा आवश्यक है चुकी बच्चे का समग्र विकास से ही भविष्य का निर्माण होगा इसलिए आगनवाडी पर आने वाले प्रत्येक बच्चों के शारीरिक विकास के लिए विभागीय कैलेंडर अनुसार नियमित गतिविधियां आयोजित की जावे। साथ ही 0 से 3 वर्ष के बच्चो को सही पोषण के साथ- साथ उनके परिवार में अगर अच्छा सामाजिक वातावरण मिले तो उनके समग्र विकास में परिवार की भूमिका और बढ़ जाती है
अनुकरण, तथा खुद कार्य करके सीखते हैं बच्चे- विशनोई
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के मास्टर ट्रेनर रामजीवन बिश्नोई सहायक सांख्यिकी अधिकारी ने क्षमतावर्धन कार्यशाला में बताया कि बच्चे हमेशा किसी कार्य को खुद करके, वातावरण तथा अनुकरण से सीखते हैं इसलिए 0 से 6 वर्ष के बच्चों के साथ हमेशा अनुकूलतम व्यवहार करना चाहिए। बच्चे जिस तरह के वातावरण में रहेंगे उनके बौद्धिक विकास उनके अनुकूल ही विकसित होगा प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के तहत् नवीन पाठ्यक्रम एवं ईसीसीई सामग्री के विषय में आवश्यक जानकारी देते हुए बताया कि यह बालकों के समग्र विकास को बढ़ावा देता है जिसमें बच्चे अपने आस पास के वातावरण से सीखते हैं और अपने भविष्य सीखने की नींव रखते है। उन्होंने कहा कि बालकों के प्रारंभिक शिक्षा एवं गतिविधियों में सामुदायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, अनुसंधान एवं नवाचारो को शामिल करने के साथ ही नवीन शिक्षण विधियों और रणनीतियों को शामिल करने के आवश्यक जानकारी दी।
कार्यशाल में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से गीतिका एवं सुरेश ने कार्यशाला में ईसीसीई की गुणवत्ता के साथ बालकों के शारीरिक विकास एवं संज्ञानात्मक विकास पर जोर देते हुए आगनवाडी केद्र पर की जाने गतिविधि जेसे खेल- खेल में सीखे संबधी जानकारी दी गई। इस अवसर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी हरखाराम, लता आचार्य, महिला पर्यवेक्षक नीरा माथुर, सरिता सोनी, सुमन, किरण,भवरी, विकास, एवन, रिंकू, हिमानी, सुंदर, कृष्णा समेत जिला समन्वयक समीना बानो, व श्रीपाल सिंह उपस्तिथ रहे।