आहोर के चांदराई गांव में चलाता था किराणा की दुकान व किराए के मकान में रहता, पाली के बाबा गांव का है निवासी
आहोर.
आहोर के चांदराई गांव में युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर दी। आत्महत्या से पहले मृतक ने 3 पेज का एक सुसाइड नोट भी लिखा। इसमें उन्होंने सुमेरपुर विधायक व राज्य सरकार में मंत्री जोराराम कुमावत का नाम लिखते हुए उनसे न्याय की उम्मीद जताई। वहीं सुसाइड नोट में मृतक ने अपने चाचा पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार पाली जिले के बाबा निवासी दिलीप पुत्र लक्ष्मणाराम प्रजापत किराणा की दुकान चलाता है एवं यहां पर ही निवास कर रहा। 25 जून की सुबह दिलीप ने किराए के मकान में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर दिया। घटना की सूचना पर आहोर पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को सीएचसी की मोर्चरी में रखवाया। वहीं मृतक का सुसाइड नोट भी घटनास्थल से बरामद कर कब्जे में ले लिया। पुलिस थाने में मृतक के पिता ने मामला दर्ज करवाया है।
तखतगढ़ थाना बिका हुआ अब एमएमल जोराराम कुमावत से न्याय की उम्मीद
मृतक दिलीप ने 3 पेज के सुसाइड नोट में कई बातें लिखी है। उन्होंने लिखा कि एक दुकान के विवाद को लेकर मेरे दादा ने दानाराम के पक्ष में बयान दिया था। इसके बाद से काका चेलाराम परेशान कर रहा। इसको लेकर मैंने दो बार तखतगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी, लेकिन पुलिस ने घर का मामला बताकर रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया। थानाधिकारी भगाराम मेरी दुकान पर दादा के बयान लेने आए थे तब भी उन्हे बताया तो बोले की कुछ नहीं होगा। वहीं पुलिस भी दादा को बोलकर चाचा चेलाराम के पक्ष में बयान दिलाने का दबाव बना रही है। अब मुझे खतरा है। मैं हार चुका हूं। इसलिए खुदकुशी कर रहा हूं। इसका जिम्मेदार मेरा काका होगा। वहीं उन्होंने लिखा कि 21 जून को मैं मेरी पत्नी को बाबा गांव छोड़कर वापिस आ रहा था, जब भी मेरे काका ने मेरा रास्ता रोका। यह एक महीने में पांची बार मुझे धमकी दी है। अब मुझे विधायक जोराराम कुमावत जी से न्याय की उम्मीद है एवं मुझे वो न्याय जरूर दिलवाएंगे। वहीं मुझे न्याय नहीं मिलने तक अंतिम संस्कार ना करें। पाली का तखतगढ़ थाना बिका हुआ है।
मृतक का शव परिजनों को सौंपा
मामले को लेकर आहोर पुलिस जांच कर रही है। परिजनों ने भी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। उसके बाद पुलिस के अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन दिया। उसके बाद परिजन मृतक का शव उठाने के लिए राजी हो गए। पुलिस ने शव पीएम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया।